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Wednesday, 29 July 2015

मिलन


मैं मग़रिब का आफ़ताब
तुम  फज़र  का  तारा
मिलन  कैसे  हो.. हमारा

Key:
मग़रिब = west / evening
आफ़ताब =   sun
फज़र = east / morning

12 comments:

  1. :) Where there is a will there is a way!! :)

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  2. आफताब हो ख़्वाबों में
    तारे आँखों में समाएं
    मूँद के बैठूं नयनों को तो
    मधुर मिलन हो जाये

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    1. Extremely beautiful rejoinder, and, oh..what a lovely solace! Thank you Sunita:)

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  3. वाह लाजवाब ख्याल ... मिलन की इंतज़ार तो फिर भी रहेगी ...

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  4. kabhi kabhi milne ki sirf chaahat hi asli milne se jyada pyaari hoti hai :)

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