Followers
Friday, 20 March 2015
Wednesday, 18 March 2015
उम्र भर !
मत कहना
फिर मुझसे कभी
कि अब प्यार नहीं.
मिलता तो 'वो' भी नहीं
चाहते हैं फिर भी सभी
उम्र भर !
Monday, 16 March 2015
Epilogue: Made for each other
I write and
paint
They sign
and sell,
and give me
a cut
(I’m
already cut all over)!
They toast
and dine,
I eat and
drink.
They
perfume and fly,
I sweat and
lurk.
They
celebrate,
I survive...
Life goes
by!
Thursday, 12 March 2015
कुछ हाइकु : फूलों पर…
1.
गुलमोहर
गुलमोहर
दहकता बैसाख
बेबुझी प्यास ।
2.
अमलतास
गुच्छे गुच्छे महक
मीठी कसक ।
3.
हरसिंगार
खुशबू का सफ़र
ज़मीन तक ।
4.
सुर्ख पलाश
वीरान पहाड़ियाँ
दिल में आग ।
5.
बेला चमेली
ख़ुशबू के जँगल
जागती रात ।
6.
लाल गुलाब
शबाब लबालब
बेमतलब ।
7.
रजनीगन्धा
मुजस्सिम
ख़ामोशी
रंग-ओ-बू
की ।
8.
जपाकुसुम
करती फ़ाश राज़
पंखुरी पाँच ।
PS:13.03.2015- Some add-ons...(as the 'blues' come later;))
9.
PS:13.03.2015- Some add-ons...(as the 'blues' come later;))
9.
नीली छतरी
आँखों को दे ठंडक
जैकेरण्डा की ।
10.
सिर झुकाये
दर्द भरी दास्तान
जंगली लिली ।
11.
फीकी रंगत
उदास इन्तज़ार
है कचनार ।
Friday, 23 January 2015
उदास धुन
ख़ामोश सर्द शाम
गूँजती रही उदास धुन जैसी
देर रात तक
याद तुम्हारी आती ही रही
अलस्सुबह तलक
और फिर एक और
बेमानी दिन शुरू हो गया.
दरिया-आकाश
तुम ढूँढती हो मुझमें सारा आकाश
और पाती हो बस कुछ साँस,
मैं चाहता हूँ तुमसे बस इक क़तरा
और पा लेता हूँ पूरा दरिया.
लकीरें
क़िस्मत औ' दौलत की तो थीं ही नहीं,
मेरे हाथों की हदों ने थाम लीं वर्ना
जाने कहाँ तक जातीं ये ग़म की लकीरें।
Subscribe to:
Posts (Atom)