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Wednesday, 18 March 2015

उम्र भर !


मत कहना
फिर मुझसे कभी
कि अब प्यार नहीं.

मिलता तो 'वो' भी नहीं
चाहते हैं फिर भी सभी
उम्र भर !


Monday, 16 March 2015

Epilogue: Made for each other


I write and paint
They sign and sell,
and give me a cut
(I’m already cut all over)!
They toast and dine,
I eat and drink.
They perfume and fly,
I sweat and lurk.
They celebrate,
I survive...
Life goes by! 

Thursday, 12 March 2015

कुछ हाइकु : फूलों पर…


1.
गुलमोहर
दहकता बैसाख
बेबुझी प्यास

2.
अमलतास
गुच्छे गुच्छे महक
मीठी कसक ।

3.
हरसिंगार     
खुशबू  का सफ़र
ज़मीन  तक

4.      
सुर्ख पलाश
वीरान पहाड़ियाँ
दिल में आग ।

5.
बेला चमेली
ख़ुशबू के जँगल     
जागती रात ।

6.  
लाल गुलाब
शबाब लबालब
बेमतलब ।

7.
रजनीगन्धा
मुजस्सिम ख़ामोशी
रंग-ओ-बू की ।

8.
जपाकुसुम
करती फ़ाश राज़
पंखुरी पाँच ।

PS:13.03.2015- Some add-ons...(as the 'blues' come later;)) 

9.
नीली छतरी
आँखों को दे ठंडक
जैकेरण्डा की । 

10.
सिर झुकाये
दर्द भरी दास्तान
जंगली लिली । 

11. 
फीकी रंगत
उदास इन्तज़ार
है कचनार  । 


Friday, 23 January 2015

Capturing Time..?





                                                 Linked to: The Weekend in Black and White

इंतज़ार


कट रही है ज़िन्दगी
इंतज़ार में
हमारी तुम्हारे
तुम्हारी हमारे !

उदास धुन


ख़ामोश  सर्द  शाम
गूँजती रही उदास धुन जैसी
देर रात तक
याद तुम्हारी आती ही रही
अलस्सुबह तलक
और फिर एक और
बेमानी दिन शुरू हो गया.


दरिया-आकाश


तुम ढूँढती हो मुझमें सारा आकाश
और पाती हो बस कुछ साँस,
मैं चाहता हूँ तुमसे बस इक क़तरा
और पा लेता हूँ पूरा दरिया.


लकीरें


क़िस्मत  ' दौलत की तो थीं ही नहीं,

मेरे हाथों की हदों ने थाम लीं वर्ना

जाने कहाँ तक जातीं ये ग़म की लकीरें।