Safarnaamaa... सफ़रनामा...
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Friday, 23 January 2015
दरिया-आकाश
तुम
ढूँढती
हो
मुझमें
सारा
आकाश
और
पाती
हो
बस
कुछ
साँस
,
मैं
चाहता
हूँ
तुमसे
बस
इक
क़तरा
और
पा
लेता
हूँ
पूरा
दरिया
.
1 comment:
indu chhibber
24 January 2015 at 05:58
Najariya ?
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Najariya ?
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