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Wednesday, 24 February 2016

दीवार-5


उपजाऊ  बन जाए
कहीं सीमेन्ट का गारा
फूट आएं
कहीं अंकुर
तुम्हारे बोये  हुए
काँच में !
सावन से डरता हूँ.
Image courtesy: Google



34 comments:

  1. क्या सुन्दर कल्पनालोक बना लिया आपने अमित जी !!

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    1. जी हाँ, योगेन्द्र, लेकिन इसकी बुनियाद यथार्थ की है.
      पसंद करने के लिए धन्यवाद आपका, भाई जी!

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  2. Aajkal kaanch hi to boye ja rahe hain isliye to kisan atmahatya kar rahe hain. Bahut satik, Amit Ji.

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    1. लेकिन मैं नहीं करूँगा... कितनी बार करूँ?
      सराहना के लिये शुक्रिया आपका, रवीश !

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  3. you never know... this may be true.
    well written.

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  4. Few lines but deep rooted...

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  5. Boye huye kaanch !!! jhakjhor deti hai ye panktiya

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  6. Insightful...so few words yet so precise!

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  7. Sir yesterday you honoured me with a word - 'brevity' , Thankyou so much for that. But reading this it conforms your brevity. Very profound writing.

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  8. सावन कभी यूँ भी सताएगा की पतझड़ की आस जागेगी, सोचा न था...आपने इतनी खूबसूरती से कविता को अंजाम दिया है। कांच और दीवार का चिंतन टूटती उम्मीदों और रिश्तों के अधूरेपन से कुछ ऐसा जोड़ा है कि आज के युग में इसका महत्व और बढ़ जाता है। दीवार की अभेद्यता और कांच की चुभन से भरे रिश्ते क्या कभी पनप पाएंगे , क्या कभी सच्चे प्रेमी के मन को समझ पाएंगे ? कल रात कविता पढ़ी थी और बहुत देर तक यही सोचती रही। एक बार फिर सभी अंश पढ़े। दुआ करती हूँ कि आपकी सुन्दर रचनाएँ सभी सराह पाएं , समझ पाएं।

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    1. "सावन कभी यूँ भी सताएगा कि पतझड़ की आस जागेगी..." वाह, क्या बात कही है!
      सभी को समझ आये/सराहना हो इतनी महत्वाकांक्षा नहीं है मेरी, लेकिन हाँ कुछ मेरे लेखन के मर्म तक पहुँचें ऐसी ख्वाहिश ज़रूर रखता हूँ.
      आपके बेहद नायाब कमेन्ट के लिये आभारी हूँ, सुनयना... शुभकामनाओं के लिये अनेक धन्यवाद:)

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  9. O my, what profound idea conveyed in just a few words. The picture really spoke to you some deep thoughts there. Liked it very much!

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    1. I am highly obliged, Beloo, Thank you for your kind words:)

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  10. Amit, I am not sure if I have read this one before through Facebook and if I left a comment. If I have, forgive me. But in case I am confusing this with another post of yours, allow me to say that lines like these leave a shiver in the soul. But that's what you intend, right?

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  11. My heart felt gratitude, Lata, for wording your startling reaction 'a shiver'...immensely beautiful! Thanks a lot:)

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  12. वाह ... क्या बात है ... अंकुर फूटने दो इस प्यार के ...

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  13. Agar ho jaye to KYA baat hai ... duniya kitni khoobsoorat ho jayegi

    Bikram's

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  14. Loved the series and ek se badhkar ek...bohot hi khoobsurat Amitji :)

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  15. Am really glad of your attestation, Shweta:) Thanks a lot:)

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  16. Saawan ki woh dhaar jo laye kaanch mein ankur ka ubhaar ..aise saawan ki kya baat hai Amiit ji!

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    1. Isiliye aise saavan se darta hoon!
      Thank you Somali:)

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