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Monday, 9 October 2017

काई

लो आज फिर  घटा घिर आई
टीस कोई भूली फिर से उठ आई

दिन महीने साल यूँ ही भाग रहे हैं
ज़िन्दग़ी किसी मोड़ पे ठिठकी सी नज़र आई

आमों के दरख़्त तो अब वीरान पड़े हैं
कोयल मुझे इक दिन कीकर पे नज़र आई

नग़मे प्यार के  सब भूल चुके हैं
उजड़ी हुई कहानी याद मगर फिर आई

मेड़ों उगी दूब भी अब सूख चली है
दिल की बावड़ी में बस काई ही काई!


(Image from Google)


29 comments:

  1. Bahut dinon baad aap ki kavita padhi-ek tees ubhar aayi.

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    1. जी, बहुत शुक्रिया आपका, इन्दु ma'am:)
      आप जैसे मेरे पुराने पाठक मुझे बेहद ख़ुशी देते हैं!
      प्रेम भाव बनाये रखियेगा

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  2. बहुत बढ़िया !
    'दिल की बावड़ी में बस काई !

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    1. पसंद करने लिए अनेक धन्यवाद, जोग साहब:)

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  3. दिन महीने साल यूँ ही भाग रहे हैं
    ज़िन्दग़ी किसी मोड़ पे ठिठकी सी नज़र आई
    बहुत सुंदर पंक्तियाँ अमित जी.जिंदगी के कई रंग हैं इस कविता में.

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    1. आपको पसंद आई, मेरा लिखना सफल हुआ..
      धन्यवाद राजीव भाई :)

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  4. मेड़ों उगी दूब भी अब सूख चली है
    दिल की बावड़ी में बस काई ही काई!
    बहुत गहरे अर्थ के शब्द लिखे हैं आपने अमित जी !! जब दूसरे के ज़ख्मों को देखकर मन में पीड़ा न हो तो समझिये दिल की बावड़ी में काई लग ही चुकी है !!

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    1. पसंद करने के लिए शुक्रिया योगेंद्र भाई जी:) ख़ुशी हुई..!

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  5. Very sensitive lines... memories are like that.

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  6. Lovely poem! What Indrani said is so true!

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  7. "बदलते वक्त के साथ कभी-कभी यादों का कारवां गुजरता है इसमें कुछ खट्टी कुछ मिठ्ठी होती हैं उन्हीं यादों के दस्तावेज से निकली कुछ पल को बयां करती सुन्दर कविता।"
    आपकी लिखी रचना "मित्र मंडली" में लिंक की गई है https://rakeshkirachanay.blogspot.in/2017/10/39.html पर आप सादर आमंत्रित हैं ....धन्यवाद!

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    1. पसंद करने के लिए धन्यवाद आपका भाई राकेश जी; और 'मित्र-मंडली' पर लिंक करने के लिए आभार!!

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  8. Although of topic to this blogpost...

    I want to offer you very sincere congratulations with your birthday saturday on behalve of the 'family' of ABC-Wednesday.

    Wishing you all the best in luck, love and happiness.

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    1. Thanks a lot dear ABC-W team:) Will be there soon:)

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  9. Thank you Rajeev☺ Glad you liked💐

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  10. Reminds me of the Bollywood song-
    "Woh bhooli dastaan lo phir yaad aa gayee, nazar ke saamne, ghata si chha gayee..."
    Happy Diwali Amitji!

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    1. Great song! Waise hamari nazar ke saamne to hamesha hi ghataa hai☺ Kaala chashma rocks☺☺
      Thank you Anita 💐

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  11. बहुत दिनों बाद ... आज की गहरी और कडवी हकीकत को शब्द दिए ....
    हस शेर दूर की बात कहता हुआ ...

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  12. Aap jaise sidhh-hast gazalgo ne mere seedhe-saade couplets ko 'sher' ka darja dekar meri kavita ka maan badhaya hai, Digamber sahab, shukriya:)
    'door ki baat' pakadne aur saraahne ke liye bhi dhanywaad:):)

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  13. आदरणीय अमित जी ----- आपकी कविता का शीर्षक पढ़ा -- तो हैरान थी | कविवर की प्रतिभा को क्या कहए ''काई '' को भी नहीं छोड़ते ! पर ये काई बड़ी मन भाई | यादों में झांकता व्याकुल मन और यादों के रूप में कामनाओं की बावडी में काई -- किसका मन ना दुखायेगी | भाव प्रणव सुंदर सटीक रचना

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    1. आदरणीया रेनू जी, आप जैसे सुहृद पाठक जिनके मन को 'काई तक भाई' ही मुझे नया लिखने और कभी-कभी साहसिक प्रयोग भी करने की प्रेरणा देते हैं..
      अनेक धन्यवाद!



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