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Friday 23 January 2015

उदास धुन


ख़ामोश  सर्द  शाम
गूँजती रही उदास धुन जैसी
देर रात तक
याद तुम्हारी आती ही रही
अलस्सुबह तलक
और फिर एक और
बेमानी दिन शुरू हो गया.


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