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Thursday, 8 June 2017
Wednesday, 26 April 2017
लेस्बियन्स
कोमलांगी सुरमई शाम को
कामुक सलेटी रात ने
अंक में भरना
चाहा ही था
कि दोनों का सखा
गोरा-चिट्टा चाँद
मुस्कुरा उठा
और शरारत से बोला
लो मैं आ
गया
तुम दोनों को
ख़ुश करने
के लिए.
जल कर काली
हुई रात
फुंकार कर बोली
हम हैं मुक्त
किसी की अधीन
नहीं
ख़ुद अपने में
पूर्ण
हमें तुम्हारी ज़रूरत नहीं..
फिर उसने
अपने
जलते हुए होंठ
क़मसिन शाम के
प्यासे होठों पर रख
दिए :
'छुन्न' का शब्द
हुआ
और आहत चाँद कुएँ
में
जा गिरा!
Both images from Google
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Monday, 17 April 2017
उम्मीद
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Sunday, 9 April 2017
नज़ारा..
Image from Google
हँसता हुआ गधा
दिख जाता है
मुझे अक्सर
प्राधिकरण के दफ़्तर
में
कचहरी में, सरकारी
गलियारों में..
लदड़-फ़दड़ कछुआ
फाइलों का बोझ
ढोता
मालिकों-अधिकारियों के
जूते खाता ; चलता जाता.
निढाल हिरन उदास
सूखी-पीली घास
के पास
चतुर लोमड़ सलाम
बजाता
ख़ूनी भेड़िया आँखें झपकाता
साँडों, भैंसों के रेवड़
कीचड़ में धँसे
निकलने की कोशिशों
में
और फँसे और
फँसे
इन सब से
उदासीन
अँधेरे में पड़ा
ख़ामोश
अजगर एक साँस
खींचता
पल भर में
सब को लीलता
!
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satire
Tuesday, 28 March 2017
Lennon - John
Tuesday, 7 March 2017
वो सुरमई शाम
Image from Google
बुना जब
करते
फन्दा-दर-फन्दा
अँधेरा-उजाला
ख़ुद आप
को
पहरे पे ख़ामोशी
,
आग़ोश में
क़ैद हुआ करती
-
क़ायनात सारी
वो सुरमई शाम
आँखें, शोख़ आँखों
से
बयाँ करतीं
कितने अफ़्साने
चार होंठ प्यासे
नामुराद - झूठे,
बेशर्म ,
नदीदे , कमज़र्फ
पी पी के
मुकर जाते
ज़िद्दी ज़ुल्फ़ मग़रूर
-
शरीर, शैतान,
बीच में आती
करती परेशान
दहकते अरमान
सर्द आहें
महकते साँस
बेचैन निगाहें
वो सुरमई शाम
फिर कभी आयेगी?
________________________________________________
Key:
फन्दा-दर-फन्दा
= stitch by stitch
आग़ोश = embrace
क़ायनात = universe
अफ़्साने =
romance
नामुराद = dissatisfied
नदीदे =
greedy
कमज़र्फ =
ungrateful
मुकर = deny
मग़रूर = arrogant
शरीर = wicked
_____________________________________________
भरसक कोशिश करता हूँ
कि दैहिक न
लिखूँ लेकिन कभी-कभी क़लम
फिसल ही जाती
है कमबख़्त ...
यथासम्भव प्रयास रहता है
कि लिखा हुआ
बस मेरा ही
रह जाये पर
कभी बिना प्रकाशित
किये लगता है
कि अधूरा रह
गया..
'वो रुपहली साँझ आये' एक
पारलौकिक, रूहानी, लगभग आध्यात्मिक
रचना है, और
'सुरमई शाम' पूर्णतयाः
जिस्मानी, ऐन्द्रिय, विषयासक्त ; लेकिन
मुझे लगता है
कि क्योंकि रूह
का अहसास जिस्म के माध्यम
से ही होता
है इसलिये सर्वथा
भिन्न होते हुए
भी दोनों एक
दूसरी की पूरक
हैं.
बाक़ी पाठकों पर छोड़ता
हूँ..
'रुपहली साँझ' ने भूली
हुई 'सुरमई शाम'
याद दिलाई इसलिये
ये पोस्ट सुश्री कोकिला गुप्ता
जी को सादर
समर्पित!
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Tuesday, 28 February 2017
Harrison - George
Beatles Ashram, Rishikesh, India - 2
H is for Harrison: George Harrison
Linked to: ABC Wednesday
Also enjoy Part 1
Tuesday, 21 February 2017
Graffiti
Beatles Ashram at Rishikesh in the Himalayas
(Erstwhile 84 Kutiya or the Ashram of Maharishi Mahesh Yogi)
G is for Graffiti
Linked to: ABC Wednesday
(Note: The Beatles had come here in 1968 to learn Transcendental Meditation from the Yogi.
During their stay here they wrote many famous songs which featured in the White Album and
Abbey Road)
Monday, 30 January 2017
वफ़ा
Image from Google
पर्वतों की जड़ों
को
मीठी नदियाँ सींचती थीं
एक बहेलिये और गाय
के बीच प्रेम
हो गया.
गाय निछावर तो थी
पर विश्वास न कर
पाती.
बहेलिया समझाता
देख, अगर मैं
होता कसाई
या, तू मुर्ग़ाबी
तो तेरा शक़
मानी होता
पर मैं भला
तुझ से
बेवफ़ा क्यों होऊँगा ?
दिन और रात
ढलते गए
प्रेम प्रगाढ़ हो चला.
फिर एक दिन
गाय की मुलाक़ात
एक बिजार से हो
गई
और दोनों ने मिलकर
बहेलिये को
अपने नुक़ीले सींगों से
मार डाला..
पर्वतों के शिखरों
पे
सफ़ेद धुआँ
फूलता रहा!
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