Followers

Showing posts with label an experiment. Show all posts
Showing posts with label an experiment. Show all posts

Sunday, 22 March 2015

हाइकु छिपी / लम्बी एक पहेली / खेलो तो ज़रा


भोर की बेला
सावन की बरखा
मन मयूर

भरी दुपैरी
अब बस भी करो
कितना हुआ

डूबा सूरज
विचलित, बेचैन
शाम का तारा

घिरी रात
कहाँ है मेरा खाना
कहाँ बिस्तर