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Tuesday, 18 September 2012

Nainital in Monsoon-1



ये धुंध नहीं 
बादल नहीं
बारिश नहीं
परमात्मा बरसता है..
लगाओ टकटकी
आसमान पर
खोल कर बंद 
दरवाज़े अपने दिल के
और तुम भर जाओगे,
जाओ शोर-ओ-गुल में
नज़रंदाज़ कर इसे
बाज़ार-ओ-दूकान के
और तुम ख़ाली रह जाओगे.





मेघ बरसता है
छतरियाँ रंगीन
दिल भी बरसता है
पर रंग कहाँ?





बारिश बहुत प्यारी
ख़ामोश बरस गयी
न टप-टप
न झर-झर
न शोर
न आडम्बर!